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Connecting people for a noble cause of uniting Uttarkhand (India)

Pr. Naveen Lohani
Education
प्रोफेसर नवीन चन्द्र लोहनी हिंदी अध्यापन में 30 वर्षों
से अधिक समय से जुड़े हैं। वह वर्तमान में चौधरी चरण सिंह
विश्वविद्यालय मेरठ में हिंदी विभाग के अध्यक्ष हैं।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा उन्हें शंघाई
अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय (सिसु, SISU) में
आईसीसीआर चेयर पर विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में नियुक्त
किया गया । लगभग ढाई वर्ष की सेवा के बाद वह अब वापस चौधरी
चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ आ गए हैं।
चीन में नवीन चंद्र लोहनी ने हिंदी अध्यापन एवं सांस्कृतिक
गतिविधियों को बढ़ावा दिया। उन्होंने सिसु में हिंदी के
साथ संस्कृत अध्यापन भी किया। विद्यार्थियों के साथ
भारतीयों के अनेक हिंदी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी
रुचि लेकर कार्य किया। उन्होंने चीन और भारत के सांस्कृतिक
संबंधों में प्रगति और विकास के लिए लेखन कार्य किया,
रेडियो और टेलीविजन वार्ताएँ प्रस्तुत कीं ।भारतीय
कौंसलावास के साथ ही शंघाई में भारतीय समुदाय द्वारा
स्थापित अनेक सांस्कृतिक संस्थाओं के कार्यक्रमों में
निरंतर प्रतिभागिता की । भारत में अनेक समाचार पत्रों,
पत्रिकाओं तथा मंचों व संगोष्ठियों में शंघाई में संपन्न
हो रही गतिविधियों के बारे में हिंदी में लेखन किया ।
“हिंदी इन चाईना” नामक वीचैट समूह के द्वारा और चीनी और
भारतीय समुदाय के बीच सौहार्द्र बढ़ाने के लिए निरंतर
प्रयासरत हैं और चीन में पहली हिंदी पत्रिका “समन्वय
हिंची” प्रकाशन कार्य किया,जो चीन में और भारत ही नहीं
वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हुईं। वह सिसु द्वारा प्रकाशित
हिंदी-चीनी-अंग्रेजी शब्दकोश संपादन मंडल के सदस्य हैं।
चीन के सियान, सियामेन, खुन्मिंग,बीजिंग व शंघाई के
विश्वविद्यालयों व संस्थाओं में वह शिक्षा, भारतीय
सांस्कृतिक संबधों व भाषा अध्ययन पर व्याख्यान देने गए ।
इससे पूर्व वह लौजान विश्वविद्यालय स्विट्ज़रलैंड में भी
रवीन्द्र नाथ टैगोर चेयर पर विज़िटिंग प्रोफ़ेसर रह चुके
हैं।
प्रोफेसर नवीनचंद्र लोहनी के निर्देशन में हिंदी विभाग में
23 विद्यार्थियों ने पीएच.डी. उपाधि प्राप्त की है और 95
से अधिक विद्यार्थी एम. फिल. उपाधि प्राप्त कर चुके हैं।
वह विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलनों
में न्यूयॉर्क जोहानसवर्ग भोपाल तथा मारीशस में प्रतिभागी
हो चुके हैं तथा ब्रिटेन, स्विट्ज़रलैंड, हंगरी, स्पेन,
अमेरिका ,चीन, दक्षिण अफ्रीका सहित विश्व के अनेक देशों
में संगोष्ठी, कार्यशाला में प्रतिभागिता कर चुके हैं।
बेल्जियम फ्रांस ऑस्ट्रिया स्पेन ऑस्ट्रेलिया मलेशिया
इंडोनेशिया सहित कई देशों की यात्राएं भी कर चुके हैं ।
भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक, शोध तथा
प्रशासनिक कार्यों में उनकी उपस्थिति निरंतर बनी हुई है वह
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय के साहित्य के
आधिकारिक वक्ता हैं और भारत ही नहीं दुनिया में अनेक देशों
और विश्व के विश्वविद्यालयों संस्थानों तथा शोध संगठनों
में वह आगे के साहित्य पर व्याख्यान देने हेतु विशेष रूप
से आमंत्रित किए जाते रहते हैं।
प्रो.लोहनी जनसंचार माध्यमों में सिद्धहस्त हैं और वे
रेडियो, टेलीविज़न और मुद्रित माध्यमों में निरंतर कार्य कर
रहे हैं । चीन तथा स्विट्जरलैंड में भी उन्होंने इन
माध्यमों का प्रयोग भारतीय शिक्षा, संस्कृति और भाषा
प्रचार में किया है। प्रो.लोहनी को प्रवासी हिंदी साहित्य
को पाठ्यक्रम में लाने का श्रेय तो है ही वह उत्तर प्रदेश
की विशिष्ट कौरवी बोली को भी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम
में प्रस्तुत करने के लिए अग्रणी कार्य कर चुके हैं और इस
रूप में उनके द्वारा निरंतर शोध कार्य जारी है ।
वर्तमान में प्रो.नवीन चंद्र लोहनी पांच शोध छात्रों का
निर्देशन कर रहे हैं और उनके अनेक विद्यार्थी
विश्वविद्यालयों, संस्थानों,महाविद्यालयों, विद्यालयों में
अध्यापन कर रहे हैं और शोधरत हैं। उनके विद्यार्थी मीडिया
संस्थानों, बैंकों एवं प्रशासनिक कार्यों में भी अनेक
विद्यार्थी कार्यरत हैं।
उनके शोध, आलेख शोध पत्रिकाओं तथा पत्र-पत्रिकाओं में
निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं उनकी पुस्तकें साहित्य
समीक्षा तथा रचनात्मक दोनों प्रकार के विषयों पर हैं। वह
अनेक पत्र-पत्रिकाओं में के प्रकाशन में भी शामिल है।
दूरदर्शन तथा रेडियो पर उनकी सैकड़ों साहित्यिक-सामाजिक
विषयों पर परिचर्चाएं ,वार्तालाप, साक्षात्कार प्रसारित हो
चुके हैं ,वह सोशल मीडिया,जनसंचार माध्यमों में भी लंबे
समय से निरंतर सक्रिय हैं। उन्हें सामाजिक, सांस्कृतिक और
शैक्षिक गतिविधियों के लिए अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित
पुरस्कृत भी किया गया है।
उन्होंने चीन में रहते हुए सुप्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के
साथ न केवल भारतीय और चीन के विद्यार्थियों के बीच पुल का
काम किया अपितु वह वर्तमान में भी इस कार्य में निरंतर
संलग्न है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में वह अनेक
महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करते रहे हैं और कर रहे
हैं वर्तमान में वह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कार्य
परिषद, विद्वत परिषद, पाठ्यक्रम समितियों सहित अनेक
समितियों में सदस्य अथवा संयोजक के रूप में कार्य कर रहे
हैं। वह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कुलसचिव,
सांस्कृतिक समन्वयक ,आइक्यूएसी, नॉक समन्वयक, सहायक छात्र
कल्याण अधिष्ठाता सहित अनेक प्रशासनिक पदों पर भी कार्य कर
चुके हैं वर्तमान में वह विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग
अध्यक्ष हैं।